UN में भारत की पहली महिला दूत बनीं रुचिरा: पाकिस्तान पर भड़की थीं स्नेहा दुबे, ईनम गंभीर ने कहा था- टेरेरिस्तान

संयुक्त राष्ट्र में रुचिरा कंबोज ने भारत की नई स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्यभार संभाला है। वह टीएस तिरुमूर्ति की जगह लेंगी। रुचिरा न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त मुख्यालय की पहली स्थायी महिला दूत बनी हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में की कई ऐसी डिप्लोमैट रही हैं, जिन्होंने समय आने पर चीन और पाकिस्तान जैसे देशों को मुंहतोड़ जवाब दिया है। आइए आपको ऐसी ही 4 महिला अफसरों के बारे में बताते जिनकी आवाज संयुक्त राष्ट्र में गूंज चुकी है।

1987 सिविल सेवा बैच की टॉपर रुचिरा कंबोज

रुचिरा कंबोज भारतीय विदेश सेवा की 1987 बैच की अफसर हैं। वो 1987 सिविल सेवा बैच की टॉपर भी रही हैं। रुचिरा भूटान में भारत की पहली महिला राजदूत रही हैं। उनके करियर की शुरुआत फ्रांस में थर्ड सेक्रेटरी के तौर पर हुई थी। उन्होंने फ्रांस स्थित भारतीय दूतावास में सेकेंड सेक्रेटरी का पद भी संभाला है।

विदिशा मैत्रा ने इमरान को गिनाई पाकिस्तान की कमियां

2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण के कुछ देर बाद ही इमरान खान ने भाषण दिया था। उस वक्त भी इमरान ने भारत की गलत छवि पेश करने की कोशिश की थी। तब विदेश मंत्रालय की प्रथम सचिव विदिशा मैत्रा ने इमरान को मुंहतोड़ जवाब दिया था।

विदिशा ने कहा था कि इमरान खान का भाषण नफरत से भरा हुआ था और उनकी कही हर बात झूठी है। उन्होंने दुनिया को गुमराह करने की कोशिश की है। पाकिस्तान ने खुलेआम आतंकी ओसामा बिन लादेन का बचाव किया था। विदिशा ने कहा कि मानवाधिकार की बात करने वाले पाकिस्तान को सबसे पहले अपने देश में अल्पसंख्यकों की हालत देखनी चाहिए जिनकी संख्या 23 प्रतिशत से 3 प्रतिशत पर पहुंच गई है। वहां ईसाई, सिख, अहमदिया, हिंदू, शिया, पश्तून, सिंधी और बलोच पर सख्त ईशनिंदा कानून लागू किए जाते हैं, उनका उत्पीड़न और जबरन धर्मांतरण किया जाता है। पाकिस्तान को इतिहास नहीं भूलना चाहिए और याद रखना चाहिए कि 1971 में उसने अपने ही लोगों का ही नरसंहार किया था।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
Scroll to Top